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Poem : जीत की आशा
Poem Submited By: Nitesh Kumar Sethi
अपनी पहचान
दूसरे की अरमानों तले अपनी पहचान मत मिटाओ दूसरों की हुकूमत के आगे अपना सिर मत झुकाओ दूसरों की हसरतें पूरी कबतक करोगे वक्त पे ना जागे तो अंधेरे में गुम हो जाओगे पहचानो खुद को तुम,क्या मकसद है तुम्हारा लोगों की क्या औकात,तुम दुनिया बदल के दिखाओगे
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Poem : अपनी पहचान
Poem Submited By: Nitesh Kumar Sethi
Poem : गुलामी की निशानी
Poem Submited By: Nitesh Kumar Sethi
मेरा प्यारा भारत
मेरा भारत हमेशा महान जिसकी रगो में बहता सदा ज्ञान और विज्ञान दुश्मन ने हमेशा कोशिश की मिटाने की नामो निशान जितना तोड़ने की कोशिश करलो,फैलता रहेगा इसकी शान सबको करता हूं आव्हान,सेवा करो इसकी जबतक है शरीर में प्राण,कर्म ऐसा करो कि बढ़ता रहे इसकी सम्मान
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Poem : मेरा प्यारा भारत
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है हिम्मत
जिंदगी गुजारने के लिए साथी हो यह जरूरी नहीं तुम अकेले हो,ये तुम्हारी मजबूरी नहीं तुम नहीं हो कायर और कमज़ोर लगा दो बाजुओं में जितना है जोर तुम अकेले हो सौ पे भारी,तुम्हारी हिम्मत से दुनिया हारी देखना एक दिन तुम्हारे कदमों में झुकेगी ये दुनिया सारी
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Poem : है हिम्मत
Poem Submited By: Nitesh Kumar Sethi
बीर बनो,लडाई चुनो
वीर हमेशा देते हैं कुर्बानी,इसीलिए उन्हें कहा जाता है बलिदानी गद्दार हमेशा करता है शैतानी,करता है हमेशा बीरों की मानहानि लेकिन वो है मूर्ख और अज्ञानी,अंत में वीर के हाथों होती है प्राण हानि इसीलिए बीर बनो,लडाई चुनो,कीसी और की नही धर्म की सुनो,
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