MY SELF NITESH KUMAR SETHI, RIGHT NOW I AM PURSUING POST-GRADUATION DEGREE FROM IGNOU IN THE SUBJECT OF RURAL DEVELOPMENT, MY HOBBIES ARE WRITING, READING, AND PLAYING.
नही मिलता हो अगर कोई भी दिशा बस चलते रहो रखके खुद पे भरोसा किसी और पे नही खुद से रखो आशा तुम कमज़ोर नही जो तुम चाहिए झूठी दिलासा चुनौतियों में भटके हुए हो,फिर भी मत छोड़ो जीत की अभिलाषा बिस्वास रखो खु
दूसरे की अरमानों तले अपनी पहचान मत मिटाओ दूसरों की हुकूमत के आगे अपना सिर मत झुकाओ दूसरों की हसरतें पूरी कबतक करोगे वक्त पे ना जागे तो अंधेरे में गुम हो जाओगे पहचानो खुद को तुम,क्या मकसद है तुम्हारा ल
ए मालिक तेरा रहम मुझपे बरसे हमेशा तेरा करम मेरे साथ रहे हमेशा दिखाते रहे सदा सच्चाई की दिशा ताकि चढ़ ना पाए मूझपे बुराई का नशा लाख तकलीफें और परसानियां आए जिंदगी में मगर तोड़ ना पाए मेरा तुझपे है जो भ
दूसरे पर निर्भर करने वाले हमेशा मजबूर होता है और मजबूर हाथ दुश्मनों का गुलाम होता है वो बेकसूरों का रखवाला नहीं हो पाता है दूसरों को छोड़ो वो खुदको बचा नही पाता है डरपोक लोगों का साथ होना दुर्भाग्य है
मेरा भारत हमेशा महान जिसकी रगो में बहता सदा ज्ञान और विज्ञान दुश्मन ने हमेशा कोशिश की मिटाने की नामो निशान जितना तोड़ने की कोशिश करलो,फैलता रहेगा इसकी शान सबको करता हूं आव्हान,सेवा करो इसकी जबतक है शर
जिंदगी गुजारने के लिए साथी हो यह जरूरी नहीं तुम अकेले हो,ये तुम्हारी मजबूरी नहीं तुम नहीं हो कायर और कमज़ोर लगा दो बाजुओं में जितना है जोर तुम अकेले हो सौ पे भारी,तुम्हारी हिम्मत से दुनिया हारी देखना
समृद्धि सफलता का दूसरा नाम है इसको हासिल करना कर्मबीरों का काम है सफलता मिलती है करने से तपस्या जो खुशी खुशी हल कर पाए हर समस्या वही है सफलता का असली हकदार वही जीवन को दे सकता एक सुंदर आकार