लोग अक्सर उन्हें बिगड़ा हुआ ही कहते है
जो अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जीते है
जिन्हे नही आता इस दुनिया की बंदिशों में रहना
वो जो लोग बेफिक्र अपने पंख फहरा के उड़ना जानते है
लोग अक्सर उन्हें बिगड़ा ह
मां,
मैं इस दुनिया के कायदों में रहकर नही जी पाओगी
मुझे चाहिए एक खुला आसमान
मैं पिंजड़े में अपने सपनो को कैद कर नही जी पाओगी
मां मैं नही सोच पाऊंगी की
दुनिया क्या सोचती है मेरे बारे में
मैं इन बंधनों